Petrol-Diesel के रेट पर हो सकता है बड़ा फैसला, जानिए निर्मला सीतारमण ने क्या कहा
Petrol और Diesel के रेट में बड़ी गिरावट आ सकती है. क्योंकि फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण इस मुद्दे पर GST काउंसिल की बैठक में बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
अगर Petrol GST के दायरे में लाया जाता है तो इसका खुदरा भाव कम होकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है. (Reuters)
अगर Petrol GST के दायरे में लाया जाता है तो इसका खुदरा भाव कम होकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है. (Reuters)
Petrol और Diesel के रेट में बड़ी गिरावट आ सकती है. क्योंकि फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण इस मुद्दे पर GST काउंसिल की बैठक में बातचीत करने के लिए तैयार हैं. लोकसभा में पेट्रोल, डीजल पर ऊंची कर दरों को लेकर सदस्यों की चिंता के बीच वित्त मंत्री ने कहा है कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में पेट्रोल, डीजल को GST के दायरे में लाने के सुझाव पर चर्चा करने को लेकर उन्हें खुशी होगी.
अगर Petrol GST के दायरे में लाया जाता है तो इसका खुदरा भाव कम होकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है. SBI इकोनोमिस्ट (SBI Economic Research) ने एक रिपोर्ट में यह दावा किया है. केंद्र और राज्यस्तरीय करों और Tax पर टैक्स के कारण पेट्रोलियम पदार्थों के दाम दुनिया में उच्चस्तर पर बने हुए हैं. GST में लाने पर डीजल (GST on diesel) का दाम भी कम होकर 68 रुपये लीटर पर आ सकता है.
पेट्रोल, डीजल पर केद्र की ओर से उत्पाद शुल्क और राज्यों में वैट लगाया जाता है. ये दोनों इनकी कीमत में आधे से ज्यादा का योगदान रखते हैं. उदाहरण के तौर पर दिल्ली में पेट्रोल के 91.17 रुपये प्रति लीटर के दाम में करों का हिस्सा 60 प्रतिशत तक है. इसमें उत्पाद शुल्क का योगदान 36 प्रतिशत तक है. वहीं दिल्ली में डीजल के 81.47 रुपये प्रति लीटर के दाम में 53 प्रतिशत हिस्सा करों का है. डीजल के खुदरा मूल्य में 39 प्रतिशत तक हिस्सा उत्पाद शुल्क का है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2021 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल पर केन्द्र के साथ-साथ राज्यों में भी कर लगाया जाता है. वहीं केन्द्र सरकार अपने कर संग्रह में से राज्यों को भी उनका हिस्सा देती है.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आज की चर्चा के आधार पर मैं ईमानदारी से यह मानती हूं कि कई राज्य इसे देख रहे होंगे. जीएसटी परिषद की अगली बैठक में अगर इस पर चर्चा होती है तो इसे एजेंडा में शामिल करने और इस पर चर्चा करने पर मुझे खुशी होगी. मेरे पास इसको लेकर कोई मुद्दा नहीं है. राज्यों को आगे आकर इस पर चर्चा करने दीजिये. इस बारे में वहीं (जीएसटी परिषद) ही बात होनी है.’’
जीएसटी के मामले में जीएसटी काउंसिल सर्वोच्च संस्था है. वित्त मंत्री जीएसटी परिषद का नेतृत्व करतीं हैं जबकि राज्यों के वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं. इससे पहले लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने कहा कि डीजल, पेट्रोल और LPG के ऊंचे दाम आम आदमी को परेशान कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से इन पेट्रोलियम उत्पादों पर कर की दरें कम करने को कहा. देश में इन दिनों पेट्रोल, डीजल के दाम अब तक के सबसे उच्चस्तर पर हैं.
NCP की सुप्रिया सुले ने कहा कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क के तौर पर 38 रुपये प्रति लीटर लगाए जाते हैं जबकि राज्य में VAT 19 रुपये के करीब ही लगता है. सरकार को उत्पाद शुल्क कम करना चाहिये. BSP के रितेश पांडे और टीआरएस के नामा नागेश्वर राव ने भी पेट्रोल, डीजल की ऊंची कीमत का मुद्दा उठाया.
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03:51 PM IST